ध्रुवा संगीत: एक अध्ययन
ध्रुवा संगीत: एक अध्ययन नाट्यशास्त्र रंगमंच को एक अनेक कलाओं के लोकतांत्रिक संगठन के रूप में व्याख्यायित करता है। नाटक मात्र एक कला नहीं अपितु वह कई कलाओं का उत्कृष्ट संयोजन है। मनोहर काले के अनुसार नाट्यशास्त्र हमें जिस कलागत सत्य से अवगत कराना चाहता है वह है उसका […]
रंगमंच और नाटक
रंगमंच और नाटक मनुष्य एक जीवन जीता है और मर जाता है। जीवन के इस पूरे सफर में वह नाना प्रकार के भावों और संवेदनाओं से टकराता है। खुश होता है, दुखी होता है। रूठता है, मनाया जाता है। प्रेम करता है, नफरत भी करता है। भाव और संवेदना के […]