हिन्दी साहित्येतिहास के भारतेंदु युग में संगीत
डॉ गुंजन कुमार झा उन्नीसवीं सदी का समूचा उत्तरार्द्ध सामान्यतः हिन्दी साहित्येतिहास का भारतेन्दु युग है। भारतेन्दु युग का समय दो पत्रिकाओं के प्रकाशन वर्ष से निर्धारित किया जा सकता है। यानी ‘कविवचन सुधा’ के प्रकाशन वर्ष 1868 ई- से लेकर ‘सरस्वती’ के प्रकाशन वर्ष 1900 ई- तक। 1757 से […]
रंगमंच और संगीत : इतिहास के सूत्र
डॉ गुंजन कुमार झा रंगमंच और संगीत का मूल एक है. इतिहास का अवलोकन करने पर यह स्पष्ट होता है कि दोनों का एक दुसरे के विकास में बुनियादी योगदान है. दोनों एक दुसरे से अनुस्यूत हैं. आधुनिक रंगमंच ने कुछ समय के लिए जिस यथार्थवादी रंगमंच को उत्कृष्टता का […]