सांस्कृतिक परंपरा और मीडिया
डॉ गुंजन कुमार झा संस्कृति और परंपरा दोनों ही नित्य गतिमान अवधारणाएं हैं। इसलिए इनकी सम्यक परिभाषा संभव नहीं। इतना अवश्य है कि संस्कृति अपने आप में एक परंपरा है और परंपराएं संस्कृति का अंग हैं। मीडिया एक तीसरी अवधारणा है जो संप्रंषण का व्यापक जरिया है। इसमें व्यक्ति से […]
‘मीडिया’ का बदलता स्वरुप और ‘न्यू मीडिया’
डॉ गुंजन कुमार झा मनुष्य और मनुष्य के बीच संवाद और सूचना का आदान-प्रदान होता रहे, यह मानवीय सभ्यता की केन्द्रीय चिंताओं में रही है। इसलिए भाषा और संप्रेषण के माध्यमों का जन्म हुआ। तकनीक ने मनुष्य की शारीरिक उपस्थिति को अनावश्यक बना दिया। संपर्क और सूचनाओं का आदान-प्रदान अब […]