गर्विस्तान का हिन्दू
डॉ गुंजन कुमार झा दूसरी कक्षा में रहा होऊंगा. एक गोल सा सिक्का मेरे चचेरे बड़े भाई ने लाकर दिया. राम एक धनुष उठाये लड़ने को आतुर खड़े थे. तीर प्रत्यंचा पर चढाने ही वाले थे. बलिष्ठ शरीर और चेहरे पर एक गौरव का भाव. मानो आज विजय प्राप्त करके […]