कुँवर नारायण : संगीत की दृष्टि से
डॉ गुंजन कुमार झा संगीत की दृष्टि से कुँवर नारायण -डॉ गुंजन कुमार झा कविता यदि भाषा में आदमी होने की तमीज है तो संगीत आदमी में इंसान होने का प्रमाण है। कुँवर नारयण इस हिसाब से प्रामाणिक इंसान कवि हैं। हिन्दी का कवि यथार्थ और विचारधारा के नाम पर […]
राष्ट्रवाद और हिन्दी कविता
डॉ गुंजन कुमार झा वादों का विवादों से गहरा नाता रहा है। जीवन जितना संश्लिष्ट है, वाद उतना ही विशिष्ट होता है। यही अंतर्विरोध वादों को विवादों से जोड़ती है। वादों पर बात करना हमेशा ही जटिल होता है किंतु तमाम विमर्शों में अनेक विशिष्टताओं से ही संश्लिष्टता की उपज […]