संगीत कला और वेश्याएँ
डॉ गुंजन कुमार झा ज्ञान प्राप्त करने के लिए सिद्धार्थ (बुद्ध) जब तपस्यारत थे तब वीणा के स्वरों पर उन्हें गणिकाओं का एक गीत सुनाई पड़ा जिसका सांरांश था कि ‘‘वीणा के तारों को इतना भी न खींचो- नही तो वह टूट जाएंगे और वीणा के तारों को इतना आहिस्ता […]