राष्ट्रवाद और हिन्दी कविता
डॉ गुंजन कुमार झा वादों का विवादों से गहरा नाता रहा है। जीवन जितना संश्लिष्ट है, वाद उतना ही विशिष्ट होता है। यही अंतर्विरोध वादों को विवादों से जोड़ती है। वादों पर बात करना हमेशा ही जटिल होता है किंतु तमाम विमर्शों में अनेक विशिष्टताओं से ही संश्लिष्टता की उपज […]