ध्रुवा संगीत: एक अध्ययन
ध्रुवा संगीत: एक अध्ययन नाट्यशास्त्र रंगमंच को एक अनेक कलाओं के लोकतांत्रिक संगठन के रूप में व्याख्यायित करता है। नाटक मात्र एक कला नहीं अपितु वह कई कलाओं का उत्कृष्ट संयोजन है। मनोहर काले के अनुसार नाट्यशास्त्र हमें जिस कलागत सत्य से अवगत कराना चाहता है वह है उसका […]
कुँवर नारायण : संगीत की दृष्टि से
डॉ गुंजन कुमार झा संगीत की दृष्टि से कुँवर नारायण -डॉ गुंजन कुमार झा कविता यदि भाषा में आदमी होने की तमीज है तो संगीत आदमी में इंसान होने का प्रमाण है। कुँवर नारयण इस हिसाब से प्रामाणिक इंसान कवि हैं। हिन्दी का कवि यथार्थ और विचारधारा के नाम पर […]